Uttarakhand Weather Update : उत्तराखंड में चल रही शुष्क सर्दी चिंता का कारण बन रही है, क्योंकि अपर्याप्त वर्षा बनी हुई है, जिससे मैदानी इलाकों में कोहरा फैल रहा है और पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी की कमी हो रही है।
बदले हुए मौसम के मिजाज के कारण पिछले वर्ष की तुलना में शीतकालीन वर्षा में उल्लेखनीय कमी आई है, जिससे पूरे राज्य में शुष्क ठंड की स्थिति बनी हुई है। मौसम वैज्ञानिक बारिश न होने का कारण पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी न होना बता रहे हैं।
- Advertisement -
वर्षा की अनुपस्थिति का असर पर्वतीय क्षेत्रों और मैदानी इलाकों दोनों पर पड़ रहा है, जिससे शुष्क ठंड बढ़ गई है। मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि निकट भविष्य में पूरे राज्य में इसी तरह का मौसम बना रहेगा। शीतकालीन वर्षा की कमी के कारण दिन और रात के तापमान में महत्वपूर्ण अंतर आ गया है।
सुबह और शाम के समय ठंड बढ़ने के साथ ही मैदानी इलाकों में कोहरा छाने लगा है। मौसम का बदला हुआ मिजाज शीतकालीन वर्षा के आंकड़ों में गिरावट के लिए जिम्मेदार है, जिससे शुष्क ठंड की स्थिति बढ़ गई है। मौसम विज्ञानी पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी की कमी के पीछे बारिश की अनुपस्थिति को कारण बताते हैं।
दिन और रात के तापमान में अंतर, जो आमतौर पर बारिश और बर्फबारी के बाद देखा जाता है, भी कम हो गया है। इसके अलावा, बारिश और बर्फबारी के बाद मैदानी इलाकों में कोहरे का असर कम होने से मौसम और भी सुहावना होने की उम्मीद है।
मौसम विज्ञान केंद्र के आंकड़ों से पता चलता है कि 1 से 17 दिसंबर तक राज्य भर में केवल 4.4 मिमी बारिश हुई, जो अपेक्षित 8.2 मिमी से कम है। बारिश में कमी के कारण मैदानी इलाकों में सुबह कोहरा और पहाड़ों में पाला पड़ रहा है।
- Advertisement -
शीतकालीन वर्षा की अनुपस्थिति पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी की कमी का एक प्रमुख कारण है, जिसके परिणामस्वरूप शुष्क और ठंडी स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, 23 दिसंबर तक राज्य भर में शुष्क मौसम बने रहने की उम्मीद है। हालांकि, यह अनुमान है कि बारिश और बर्फबारी के बाद दिन और रात के बीच तापमान में कमी आएगी, जैसा कि मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा है। .