ANI: उत्तराखंड की स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने एवं राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मान्यता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को आने वाले दिनों में कई कार्यक्रमों की घोषणा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में आयोजित होने वाले मकर संक्रांति के अवसर पर उत्तरायणी मेले (Uttarayani Fair Bageshwar) के भव्य आयोजन की घोषणा की.
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा, “उत्तरायणी मेले(Uttarayani Fair Bageshwar) को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहचान दिलाने के लिए हमारी सरकार के द्वारा संभव प्रयास किया जाएगा”, इसके साथ-साथ उन्होंने कहा, “स्थानीय संस्कृति को प्रमुखता देते हुए, उत्तराखंड के प्रवासियों को मेले से जोड़ा जाएगा”।
उन्होंने आगे बताया, “उत्तरायणी मेले(Uttarayani Fair Bageshwar) को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए जिससे देश-विदेश के पर्यटकों को उत्तरायणी मेले जो बागेश्वर जिले में आयोजित होता है के सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व की जानकारी दी जाएगी।”
उन्होंने कहा, “बागेश्वर के उत्तरायणी मेले(Uttarayani Fair Bageshwar) को पर्यटन मानचित्र पर लाया जाएगा।”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आगे यह भी ऐलान किया, की ’25 दिसंबर को हमारे पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
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“अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती को सुशासन दिवस(Good Governance Day) के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा सुशासन के लिए उत्तराखंड राज्य में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं।
उन्होंने आगे कहा, “उत्तराखंड के निर्माण में अटल बिहारी वाजपेयी जी के योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने जो विशेष औद्योगिक पैकेज (Special Industrial Package) को मंजूरी देकर राज्य के लिए एक मजबूत नींव रखी।
सीएम धामी ने कहा, “पीएम मोदी जी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड राज्य में निरंतर अभूतपूर्व विकास कार्य किए जा रहे हैं।”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के पुत्र साहिबजादा जोरावर सिंह एवं साहिबजादा फतेह सिंह के सर्वोच्च बलिदान को उत्तराखंड में मनाने की घोषणा की, क्योंकि इनके द्वारा कम उम्र में ही धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी गई थी।
उन्होंने बताया कि, “इस सर्वोच्च बलिदान को सम्मान देने के लिए, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा घोषणा की है कि 26 दिसंबर 2022 से ” वीर बाल दिवस “(“Veer Bal Diwas”) के रूप में प्रतिवर्ष मनाया जाएगा। इस अवसर पर उत्तराखंड राज्य के सभी स्कूलों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन कराया जाएगा।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर बैठक करेगी.
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बताया जा रहा है कि बैठक में पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा और अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे. (एएनआई)
News Source and Credit :- ANI
FAQ – Uttarayani Fair Bageshwar & Veer Bal Diwas.
(Uttarayani Fair Bageshwar) उत्तरायणी मेले बागेश्वर मैं कब मनाया जाता है ?
उत्तरायणी मेरा एक बहुत बड़ा आयोजन होता है जो प्रतिवर्ष मकर सक्रांति के दिन उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में उत्तरायणी मेले के रूप में बनाया जाता है इसको मुख्यतः 14 जनवरी को मनाते हैं।
उत्तरायणी मेले बागेश्वर का क्या महत्व है ?
उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में आयोजित होने वाले उत्तरायणी मेले में उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र की विशाल संस्कृति की झलक मिलती है। इस आयोजन के माध्यम से हमको उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के सांस्कृतिक झलक, लोक नृत्य, स्थानीय उत्पाद एवं भोज्य पदार्थ जैसी महत्वपूर्ण चीजों को जानने और समझने का मौका मिलता है।
Veer Bal Diwas कब मनाया जाता है ?
गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के पुत्र साहिबजादा जोरावर सिंह एवं साहिबजादा फतेह सिंह के द्वारा धर्म की रक्षा के लिए कम उम्र में ही अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा यह घोषणा की गई है कि 26 दिसंबर 2022 के दिन प्रतिवर्ष Veer Bal Diwas के रूप में मनाया जाएगा।
गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के पुत्रों का क्या नाम था ?
गुरु गोविंद सिंह महाराज जी के 2 पुत्र थे जिनका नाम साहिबजादा जोरावर सिंह एवं साहिबजादा फतेह सिंह था।