देहरादून: एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, उत्तराखंड के सतर्कता विभाग ने 2005 बैच की पीसीएस अधिकारी निधि यादव (PCS Officer Nidhi Yadav) को आय से अधिक संपत्ति से संबंधित सभी आरोपों से मुक्त कर दिया है, जिससे उनकी लंबे समय से प्रतीक्षित पदोन्नति एक कदम और करीब आ गई है।
सरकार द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपों की जांच के आदेश दिए जाने के बाद से वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी निधि यादव लगभग एक साल से जांच के दायरे में थीं। इन आरोपों ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में उनकी पदोन्नति को रोक दिया था, जो उनकी वरिष्ठता के आधार पर 2021 में होनी थी।
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एक शिकायत के बाद पिछले साल जुलाई में जांच शुरू की गई थी। सतर्कता समिति ने खुली जांच की सिफारिश की, जिसके परिणामस्वरूप लगभग एक साल तक गहन जांच हुई। इस दौरान यादव की पदोन्नति रोक दी गई, जबकि उनकी फाइल को हाल ही में 2023 में आगे बढ़ा दिया गया था।
आरोपों के बावजूद निधि यादव कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रहीं, हालांकि वे विवादों में घिरी रहीं। उन पर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश दोनों में कई संपत्तियां अर्जित करने का आरोप था, जो जांच का केंद्र बन गया।
अब जब सतर्कता विभाग ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है, तो कार्मिक विभाग ने तुरंत संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को इस घटनाक्रम की जानकारी दे दी है। अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने पुष्टि की है कि सतर्कता विभाग ने निधि यादव को क्लीन चिट दे दी है और संबंधित जानकारी यूपीएससी को भेज दी गई है, जिसने पहले जांच पर अपडेट मांगा था।
इस क्लीन चिट से यादव की लंबे समय से लंबित आईएएस पदोन्नति का रास्ता साफ होने की उम्मीद है, जो चुनौतीपूर्ण अवधि के बाद अधिकारी के लिए एक बड़ी राहत है।