यदि आप Uttarakhand में यात्रा करने का मन बना रहे हैं तो आप इसमें दो तरीकों से अपनी यात्रा का प्लान कर सकते हैं एक तो वह जो फेमस पहाड़ी स्थल है जैसे मसूरी, नैनीताल ,अल्मोड़ा और लैंसडाउन जहां आसानी से पहुंचा जा सकता हैं। इसके अलावा यदि आप ज्यादा एडवेंचर या सुकून भरे स्थलों की यात्रा करने के शौकीन हैं तो आप Uttarakhand के दूरस्थ स्थलों की यात्रा कर सकते हैं।
इन दोनों प्रकार की यात्राओं को आप सड़क के माध्यम से कर सकते हैं, जब आप दोनों स्थलों की यात्रा करके किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे तो आप यह पाएंगे कि दूरस्थ क्षेत्रों की यात्रा करने का अनुभव अधिक रोमांचित होता है फेमस एवं आकर्षक पर्यटक स्थलों की तुलना में।
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Uttarakhand के आंतरिक क्षेत्र शांत एवं साफ-सुथरे होते हैं यहां का वातावरण, स्वादिष्ट भोजन भी आनंदित कर देता है। कुछ रमणीय दूरस्थ स्थलों तक चौपाया वाहन के माध्यम से पहुंचना कठिन भी है जहां आप दुपहिया वाहन से बहुत आसानी से पहुंच सकते हो।
Uttarakhand Valley Of Flowers की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं ?
Munsiyari (मुनस्यारी).
इससे कोई अधिक फर्क नहीं पड़ता कि आप गुडगांव , दिल्ली, जयपुर, मुंबई या अन्य स्थान से आ रहे हैं। Uttarakhand के सबसे दूरस्थ स्थानों में से एक है। इसकी दिल्ली से दूरी लगभग 630 किलोमीटर है।
जबकि कौसानी, बिनसर, एवं मुक्तेश्वर में होटल के द्वारा यह दावा किया जाता है कि वहां से बर्फ से ढके हिमालय का सबसे बड़ा नजारा देखा जा सकता है , वही मुनस्यारी में रुकने वाले यात्रियों को ऐसा अनुभव होता है कि वह अपने कमरे से बाहर पहुंच कर इन पहाड़ों को छू सकते हैं।
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यहां स्थित ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं से आप हिमालय का हर कोना देख सकते हैं और उसका अनुभव कर सकते हैं।
यदि जौलजीबी से मडकोट के मध्य मार्ग की बात करें तो यह रास्ता जंगलों के बीच से जाता है जहां रास्ते में बहुत अधिक झरनों कीश्रृंखला दिखाई देती है।
Gangotri (गंगोत्री).
यह Uttarakhand के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित दूरस्थ स्थलों में से एक है जिसकी दिल्ली से दूरी लगभग 530 किलोमीटर की है. इस स्थल पर पहुंचने के लिए आपको राजधानी से अधिक से अधिक एक दिन यह आधा दिन लगेगा। यदि आप इस दूरस्थ क्षेत्र की यात्रा मोटरबाइक के माध्यम से करना चाहते हैं तो यह बहुत ही रोमांचक यात्रा हो सकती है आपकी क्योंकि यह आपको उत्तराखंड के उत्कृष्ट NH34 के द्वारा गंगोत्री ले जाएगी जिसे आप एक ही दिन में पूरा कर सकते हैं।
गंगोत्री तीर्थ स्थल होने के कारण थोड़ा व्यस्त रहता है आप इसके साथ-साथ इसके नजदीकी स्थल जैसे हरसिल ,आप बंदरपूंछ की तीन चोटियों (जहां, परंपरा के अनुसार, भगवान हनुमान ने अपनी जलती हुई पूंछ को बुझाया), स्वर्गारोहिणी (पांडवों द्वारा उपयोग की जाने वाली स्वर्ग की सीढ़ी), और कलानाग, जैसे रमणीय एवं पौराणिक स्थल हैं।
बरसू हर्सिल से कुछ ही दूरी पर स्थित है, और यहीं से दयारा बुग्याल के लिए रास्ता जाता है, हिमालय क्षेत्र में स्थित यह बुग्याल अपनी तरह का सबसे बड़ा बुग्याल हैं।
Uttarakhand को ‘देवभूमि’ या ‘देवताओं की भूमि’ कहा जाता है इसके साथ-साथ यहां मनमोहक एवं आश्चर्यचकित करने वाले प्राकृतिक दृश्य भी दिखाई देते हैं चाहे वह बर्फीली पहाड़िया हो, खिलखिलाते झरने हो, या घने जंगल हो। अधिकतर स्थलों तक आप कार या लंबी पैदल यात्रा मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं।