क्या बार-बार Credit Score चेक करना चाहिए ?

एक अच्छा Credit Score होने से आवेदक ना केवल पर्सनल लोन प्राप्त कर सकता है बल्कि उसे कम ब्याज दर एवं अनुकूल शर्तों पर उसका लाभ उठाने के लिए भी पात्र होता है। 

क्योंकि उच्च स्कोर होने का अर्थ है आवेदक की साख अधिक होना। 

लोनप्रदाता के द्वारा आपकी पात्रता का पता लगाने के लिए आपके क्रेडिट स्कोर की जांच की जाती है। 

आपको यह जानकर बड़ा आश्चर्य होगा की जितनी बार आपके क्रेडिट स्कोर की जांच होगी तो आप का क्रेडिट स्कोर थोड़ा कम हो जाएगा। 

जब भी आवेदक के द्वारा क्रेडिट स्कोर चेक किया जाता है तो उनका क्रेडिट स्कोर थोड़ा कम क्यों हो जाता है ?

क्रेडिट स्कोर की इंक्वायरी 2 तरह से की जाती है सॉफ्ट इंक्वायरी एवं हार्ड इंक्वायरी। 

क्रेडिट स्कोर में सॉफ्ट इंक्वायरी उसे कहा जाता है जब स्वयं के द्वारा क्रेडिट स्कोर या किसी वित्तीय इकाई (ऋणदाता, क्रेडिट कार्ड कंपनी, बैंक, आदि) के द्वारा आसान पूछताछ की जाती है। 

लोनप्रदाता कंपनी या क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता के लिए आवेदन करने के पश्चात यदि क्रेडिट रिपोर्ट की समीक्षा करने के लिए कहा जाता है तो इस पूछताछ को हार्ड इंक्वायरी माना जाता है।