हिंदू परंपराओं के शुभ क्षेत्र में, Rath Saptami भगवान सूर्य की पूजा के लिए समर्पित एक महत्वपूर्ण उत्सव है। माघ महीने में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को पड़ने वाला यह दिन परिवार में धन, सुख और समृद्धि को बढ़ाने वाला माना जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। ज्योतिष शास्त्र इस Rath Saptami पर किए जाने वाले पांच शक्तिशाली उपायों का सुझाव देता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि व्यक्ति का भाग्य सूर्य की तरह चमकता है, और इच्छाएं पूरी होती हैं।
Rath Saptami कब है ?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 15 फरवरी को सुबह 10:12 बजे शुरू होती है और अगले दिन, 16 फरवरी को सुबह 08:54 बजे समाप्त होती है। उदयातिथि को मान्यता देने वाली रथ सप्तमी का उत्सव शुक्रवार को है।
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सूर्य नारायण को अर्घ्य
Rath Saptami तिथि सूर्य देव के लिए विशेष महत्व रखती है। इस दिन का सम्मान करने के लिए, सुबह स्नान के बाद तांबे के बर्तन में जल, लाल चंदन, चावल, लाल फूल और कुशा घास का प्रसाद तैयार करें। प्रसन्न मन से उगते सूर्य का सामना करें, कलश को अपनी छाती के मध्य में रखें और सूर्य मंत्र का जाप करें। भगवान सूर्य को लाल पुष्प चढ़ाने के साथ अर्घ्य देकर धीरे-धीरे जल की धारा छोड़ें।
आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें
वाल्मिकी रामायण से व्युत्पन्न, “आदित्य हृदय स्तोत्र” ऋषि अगस्त्य द्वारा भगवान श्री राम को युद्ध में रावण पर विजय के लिए प्रदान किया गया था। रथ सप्तमी के दिन इस स्तोत्र का पाठ जीवन की चुनौतियों का एक शक्तिशाली उपाय बन जाता है। यह मानसिक परेशानियों, हृदय रोग, तनाव, शत्रु संबंधी समस्याओं और असफलताओं पर काबू पाने में सहायता करता है। यह शक्तिशाली स्तोत्र सूर्य देव की ईमानदारी से पूजा करने पर जोर देता है, जिससे व्यक्ति को विजयी मार्ग की ओर मार्गदर्शन मिलता है।
सूर्यदेव के लिए व्रत करें
शास्त्रों के अनुसार, सूर्य देव के लिए रथ सप्तमी का व्रत करने से शारीरिक कष्ट से मुक्ति मिलती है और अशुभ परिणाम शुभ में बदल जाते हैं। यह व्रत न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है बल्कि इच्छाओं की पूर्ति, सम्मान, धन, प्रसिद्धि और अच्छे स्वास्थ्य को भी सुनिश्चित करता है। व्रत के दौरान नमक का सेवन करने से परहेज करें और इस दिन व्रत कथा सुनने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
दान करें
रथ सप्तमी पर सूर्य से संबंधित वस्तुओं, जैसे तांबे के बर्तन, पीले या लाल कपड़े, गेहूं, गुड़, माणिक और लाल चंदन का दान करके अपनी भक्ति व्यक्त करें। उदारता का यह कार्य व्यक्ति की कुंडली में सूर्य से संबंधित दोषों को दूर कर धन और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है।
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सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करें
सूर्य गायत्री मंत्र का जाप आत्मशुद्धि, आत्मसम्मान और मानसिक शांति प्रदान करता है। रथ सप्तमी के लिए दो शक्तिशाली मंत्र अनुशंसित हैं:
ॐ आदित्याय विदमहे प्रभाकराय धीमहितन्न: सूर्य प्रचोदयात्।
ॐ सप्ततुरंगाय विद्महे सहस्त्रकिरणाय धीमहि तन्नो रवि: प्रचोदयात्।
अपने रास्ते को समृद्धि से रोशन करने और अपने रास्ते में आने वाली चुनौतियों को दूर करने के लिए रथ सप्तमी पर इन उपायों की परिवर्तनकारी शक्ति को अपनाएं।