Climate Change Impact : उत्तराखंड में जी बी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (G B Pant University of Agriculture and Technology in Uttarakhand) के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन में तराई क्षेत्र के रुझानों से संबंधित बातों का खुलासा किया गया है। 1981 से शुरू होकर 40 वर्षों की अवधि में, अनुसंधान ने वर्षा में उल्लेखनीय कमी और तापमान पैटर्न में स्पष्ट बदलाव पर प्रकाश डाला है। जलवायु परिवर्तन में इस बदलाव का क्षेत्र में फसल उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
निष्कर्षों से पता चलता है कि तराई क्षेत्र में न्यूनतम तापमान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जबकि अधिकतम तापमान में महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ है, जो तापमान की एक संकीर्ण सीमा का सुझाव देता है। इस बदलाव से फसलों के समय से पहले परिपक्व होने की संभावना है, जिससे अंततः फसल की पैदावार कम हो जाएगी।
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) (India Meteorological Department (IMD) ) द्वारा हाल ही में “Mausam Journal” में प्रकाशित अध्ययन, तराई क्षेत्र में कृषि प्रथाओं पर इन जलवायु परिवर्तनों के संभावित प्रभावों को रेखांकित करता है। चूँकि यह क्षेत्र वर्षा और तापमान में परिवर्तन से जूझ रहा है, यह शोध किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में एक महत्वपूर्ण चेतावनी के रूप में कार्य करता है, जिससे फसल उत्पादकता पर प्रभाव को कम करने के लिए सक्रिय उपायों की आवश्यकता होती है।
Article Source and Credit :- PTI