केदारनाथ भूस्खलन : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद, उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में भूस्खलन के कारण यात्रा मार्गों पर फंसे घोड़ों और खच्चरों के लिए पशु चारा हवाई मार्ग से पहुंचाया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, पशु चिकित्सा विभाग ने रविवार को हेलीकॉप्टर के माध्यम से साढ़े चार टन पशु चारा पहुंचाया। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आशीष रावत ने चीरबासा हेलीपैड पर पशुपालकों को आवश्यक आपूर्ति प्रदान करने की पुष्टि की। घोड़े और खच्चर संचालक हेलीपैड पर प्रशासन की टीम को अपने पशु लाइसेंस या अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करके चारा प्राप्त कर सकते हैं।
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बचाव और बहाली के प्रयास:
सीएम धामी ने पहले बताया था कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों से लगभग 17,000 लोगों को निकाला गया है। बिजली और दूरसंचार सेवाओं को बहाल करने के प्रयास जारी हैं। धामी ने कहा, “तीर्थयात्रियों को निकालने का काम लगभग पूरा हो चुका है। करीब 17,000 लोगों को निकाला जा चुका है। हमारा प्रयास है कि जो पुल बह गए हैं, उन्हें बहाल किया जाए, बिजली और दूरसंचार लाइनों को बहाल किया जाए। हमारा पूरा प्रशासन बहाली के लिए काम कर रहा है। हमारे कमिश्नर नोडल अधिकारी की भूमिका निभाएंगे। विभागीय सचिव वहां कैंप करेंगे और स्थिति पर नजर रखेंगे।”
हताहत और राहत अभियान:
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर हाल ही में बादल फटने और भूस्खलन के कारण 15 लोगों की मौत हो गई है। जवाब में, भारतीय वायु सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें फंसे हुए तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए जुट गई हैं। शनिवार को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ कर्मियों ने प्रभावित क्षेत्रों से 1,500 से अधिक तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को बचाया।
जारी बचाव आंकड़े:
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर कुल 9,099 लोगों को बचाया गया है। इसमें 2 अगस्त तक बचाए गए 7,234 यात्री और 3 अगस्त को बचाए गए अतिरिक्त 1,865 यात्री शामिल हैं, जिससे 3 अगस्त तक बचाए गए यात्रियों की कुल संख्या 9,099 हो गई। (एएनआई)