Dehradun : उत्तराखंड महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने वालों, खासकर बिना सहमति के चुपके से फोटो और वीडियो लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की हरकतें आपराधिक हैं और इसके लिए कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
कंडवाल ने हाल ही में देहरादून से काठगोदाम जा रही ट्रेन में एक महिला डॉक्टर के साथ छेड़छाड़ की घटना का स्वत: संज्ञान लिया। पुलिस अधीक्षक रेलवे हरिद्वार सरिता डोभाल से फोन पर बातचीत के दौरान कंडवाल ने रेलवे पुलिस से मामले की गहन जांच करने का आग्रह किया। उन्होंने महिला का चुपके से वीडियो बनाने के पीछे युवक के मकसद को जानने की जरूरत पर जोर दिया और जोर देकर कहा कि इस तरह के व्यवहार के लिए सख्त परिणाम भुगतने चाहिए।
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कुसुम कंडवाल ने दोहराया कि किसी की भी अनुमति के बिना उसकी फोटो या वीडियो बनाना अपराध है और दोषी पाए जाने वालों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए आयोग को एक विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
एसपी रेलवे हरिद्वार को दिए गए निर्देश में कंडवाल ने घटना पर निराशा व्यक्त करते हुए इसे अत्यंत निंदनीय बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह के अपराध करने की सोच रहे अन्य लोगों को रोकने के लिए सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। कंडवाल ने यह भी कहा कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कानून बना रही है और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी महिला सशक्तीकरण और सुरक्षा के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं, लेकिन ऐसे अराजक तत्व निंदनीय व्यवहार में लिप्त हैं।
कंडवाल ने जनता से ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने में सहयोग करने की अपील की और इस बात पर जोर दिया कि महिलाएं समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उन्हें सुरक्षा और न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि आयोग ऐसी किसी भी घटना में महिलाओं का समर्थन करने और उन्हें न्याय दिलाने के लिए तैयार है।