Bal Gangadhar Tilak Biography in Hindi : बाल गंगाधर तिलक (23 जुलाई 1856 – 1 अगस्त 1920) भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, शिक्षक और पत्रकार थे. उन्हें भारत के “स्वतंत्रता संग्राम के जनक” के रूप में जाना जाता है. उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होने से पहले, कांग्रेस के उदारवादी नेताओं के खिलाफ एक अग्रणी भूमिका निभाई. उन्होंने स्वदेशी आंदोलन, ‘लाल-बाल-पाल’ का नारा दिया, और ‘गीता रहस्य’ जैसी धार्मिक पुस्तकों का अनुवाद किया.
बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को रत्नागिरी में हुआ था. उन्होंने अपने पिता, गंगाधर तिलक, जो एक संस्कृत विद्वान थे, से शिक्षा प्राप्त की. उन्होंने 1876 में डेक्कन कॉलेज, पुणे से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1879 में बॉम्बे विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की.
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बाल गंगाधर तिलक ने अपने करियर की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में की, लेकिन वे जल्द ही राजनीति में शामिल हो गए. उन्होंने 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पुणे अधिवेशन में भाग लिया और कांग्रेस के उदारवादी नेताओं के खिलाफ एक अग्रणी भूमिका निभाई. उन्होंने स्वदेशी आंदोलन का समर्थन किया, जो ब्रिटिश वस्तुओं के बहिष्कार का एक आंदोलन था.
उन्होंने ‘लाल-बाल-पाल’ का नारा दिया, जो युवाओं को देशभक्ति के लिए प्रेरित करने का एक नारा था. उन्होंने ‘गीता रहस्य’ जैसी धार्मिक पुस्तकों का अनुवाद किया, जो लोगों को भारतीय संस्कृति और इतिहास के बारे में जागरूक करने में मदद करता था.
बाल गंगाधर तिलक को उनके स्वतंत्रता संग्राम के कार्यों के लिए ब्रिटिश सरकार ने कई बार जेल में डाला. उन्होंने 1897 में ‘राजद्रोह’ के आरोप में दो साल जेल में बिताए. उन्होंने 1908 में ‘राजद्रोह’ के आरोप में छह साल जेल में बिताए.
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बाल गंगाधर तिलक का 1 अगस्त 1920 को पुणे में निधन हो गया. वे भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, शिक्षक और पत्रकार थे. उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्हें भारत के “स्वतंत्रता संग्राम के जनक” के रूप में जाना जाता है.
Bal Gangadhar Tilak Biography in Hindi : बाल गंगाधर तिलक की उपलब्धियों में शामिल हैं:
- उन्होंने स्वदेशी आंदोलन का समर्थन किया, जो ब्रिटिश वस्तुओं के बहिष्कार का एक आंदोलन था.
- उन्होंने ‘लाल-बाल-पाल’ का नारा दिया, जो युवाओं को देशभक्ति के लिए प्रेरित करने का एक नारा था.
- उन्होंने ‘गीता रहस्य’ जैसी धार्मिक पुस्तकों का अनुवाद किया, जो लोगों को भारतीय संस्कृति और इतिहास के बारे में जागरूक करने में मदद करता था.
- उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
बाल गंगाधर तिलक को भारत के “स्वतंत्रता संग्राम के जनक” के रूप में जाना जाता है.