उत्तराखंड के 100 नगर निकायों में चुनाव प्रचार का शोर मंगलवार शाम 5 बजे थम गया। आगामी 23 जनवरी को होने वाले निकाय चुनाव को ध्यान में रखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी प्रकार की चुनावी सभाओं और रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब प्रत्याशी केवल डोर-टू-डोर प्रचार के जरिए मतदाताओं से संपर्क कर सकेंगे।
प्रचार पर प्रतिबंध और आयोग के निर्देश
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने निर्देश जारी करते हुए बताया कि मतदान से 48 घंटे पहले, यानी 21 जनवरी की शाम 5 बजे के बाद, सार्वजनिक सभाओं और रैलियों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान:
- Advertisement -
- प्रत्याशी केवल घर-घर जाकर प्रचार कर सकते हैं।
- सभी जिलाधिकारियों और चुनाव प्रेक्षकों को निर्देश दिया गया है कि प्रचार नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।
- प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में केवल वही सामग्री प्रसारित की जा सकती है जो आदर्श आचार संहिता का पालन करती हो।
मीडिया पर विशेष नियंत्रण
- प्रिंट मीडिया में मतदान के लिए अपील वाले विज्ञापन दिए जा सकते हैं, बशर्ते वे किसी राजनीतिक दल, प्रत्याशी या चुनाव परिणामों को प्रभावित न करें।
- इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रत्याशियों, दलों, या किसी अन्य व्यक्ति के साक्षात्कार, बहस, या प्रचार से संबंधित सामग्री का प्रसारण प्रतिबंधित रहेगा।
5405 प्रत्याशी मैदान में
प्रदेशभर में 5405 प्रत्याशी निकाय चुनाव के लिए मैदान में हैं। इनमें:
- 11 नगर निगमों में मेयर पद के लिए 72 प्रत्याशी।
- 89 नगर पालिका और नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद के लिए 445 प्रत्याशी।
- सभी निकायों में पार्षद और वार्ड सदस्य पद के लिए 4888 प्रत्याशी शामिल हैं।
23 जनवरी को इन सभी प्रत्याशियों का भाग्य मतपेटियों में बंद हो जाएगा।