मंगलौर उपचुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन और भाजपा समर्थकों के बीच तीखी झड़प हुई। पुलिस के सामने हुई इस बहस में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए, जबकि पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
मंगलौर चुनाव के इतिहास में ऐसा तनावपूर्ण माहौल पहले कभी नहीं देखा गया। घटना मंगलौर पुलिस चौकी पर हुई, जिससे राजनीतिक ड्रामा और बढ़ गया।
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इसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, सहारनपुर सांसद इमरान मसूद, प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा, प्रीतम सिंह समेत अन्य कांग्रेस विधायकों ने एसपी ग्रामीण के कार्यालय पर धरना दिया। उन्होंने प्रशासन पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया और दावा किया कि लोगों को वोट डालने से रोका जा रहा है, खास तौर पर लिब्बेहड़ी में हुए विवाद का हवाला देते हुए।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने स्थिति की निंदा करते हुए कहा कि चुनाव में लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। लिब्बेहड़ी समेत अन्य इलाकों से भी इसी तरह के विवाद की खबरें सामने आई हैं। कांग्रेस पार्टी ने पहले ही चुनाव के दौरान संभावित टकराव के बारे में चिंता व्यक्त की थी।