Uttarakhand News : मुख्य सचिव के आश्वासन के बाद 3 सितंबर, 2024 को होने वाली रैली स्थगित कर दी गई है कि राज्य निगम कर्मचारी एवं अधिकारी महासंघ की चिंताओं को एक उच्च स्तरीय बैठक में संबोधित किया जाएगा।
पृष्ठभूमि: राज्य निगम कर्मचारी एवं अधिकारी महासंघ सार्वजनिक निगमों और निकायों में दैनिक वेतन, संविदा, विशेष श्रेणी, उपनल, पीटीसी और अन्य अस्थायी व्यवस्थाओं पर काम करने वाले कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए सक्रिय रूप से विरोध कर रहा है। अपनी मांगों के सिलसिले में महासंघ ने 3 सितंबर, 2024 को परेड ग्राउंड से सचिवालय तक एक विशाल रैली की योजना बनाई थी।
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हालांकि, परिवहन, जलापूर्ति और पर्यटन जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं पर रैली के संभावित प्रभाव ने मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी को हस्तक्षेप करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने 5 सितंबर, 2024 को सचिवालय में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। बैठक में कार्मिक, वित्त और लोक उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव समेत परिवहन निगम, जल निगम, वन निगम, गढ़वाल मंडल विकास निगम, कुमाऊं मंडल विकास निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रबंध निदेशकों के साथ ही जल संस्थान के मुख्य महाप्रबंधक समेत प्रमुख अधिकारी शामिल होंगे।
महासंघ की प्रतिक्रिया: मुख्य सचिव द्वारा आगामी बैठक में चर्चा के आश्वासन के बाद महासंघ ने 3 सितंबर की रैली स्थगित करने का निर्णय लिया। महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गौसाई ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्य सचिव स्तर की बैठक प्रदेश भर में विभिन्न सार्वजनिक निगमों और निकायों में लगातार सेवा दे रहे हजारों कर्मचारियों के भविष्य को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
गौसाई ने सभी कर्मचारियों से सतर्क रहने का आग्रह करते हुए चेतावनी दी कि यदि सरकार सामाजिक सुरक्षा के तहत इन कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए ठोस व्यवस्था नहीं करती है तो महासंघ अपने आंदोलन को और तेज करने के लिए बाध्य होगा।
महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश पंत ने रैली के स्थगन को एक सकारात्मक कदम माना, तथा सरकार की बातचीत में शामिल होने की इच्छा को नियमितीकरण की दिशा में एक आशाजनक संकेत माना। महासचिव बी.एस. रावत ने भी इस निर्णय का समर्थन किया, तथा इस बात पर जोर दिया कि चर्चा के माध्यम से श्रमिकों के मुद्दों का समाधान सभी संबंधित लोगों के सर्वोत्तम हित में है। स्थगित रैली एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि महासंघ 5 सितंबर की बैठक के परिणाम की प्रतीक्षा कर रहा है, जिसका राज्य भर में कई श्रमिकों की आजीविका पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।