देहरादून (उत्तराखंड) [भारत], 10 मार्च (ANI): उत्तराखंड सरकार के द्वारा श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKMC) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) को चार धाम यात्रा के दौरान दोनों धामों के लिए विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेट(Special Executive Magistrate) की शक्तियां प्रदान की हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राधा रतूड़ी के द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा-21 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्यपाल महोदय ने श्री बद्रीनाथ और श्री केदारनाथ धाम की प्रशासनिक व्यवस्थाओं यात्रा अवधि के दौरान बीकेटीसी के सीईओ को चलाने की शक्ति निहित की।
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इसके लिए कार्यपालक दंडाधिकारी नियुक्त किए जाते हैं, जो विशेष कार्यपालक दंडाधिकारी कहलाएंगे। आदेश में कहा गया है कि कार्यपालक मजिस्ट्रेट श्री बद्रीनाथ और श्री केदारनाथ धाम की निर्धारित सीमा के भीतर आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं।
इस संबंध में बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने पिछले दिनों सरकार को पत्र लिखा था। अजेंद्र ने पत्र में श्री बदरीनाथ और श्री केदारनाथ धामों में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए बीकेटीसी(BKMC) के सीईओ से यात्रा अवधि के दौरान दोनों तीर्थों के लिए विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेट(Special Executive Magistrate) के अधिकार देने का अनुरोध किया था.
आदेश में कहा गया है कि बीकेटीसी(BKMC) के सीईओ को विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्रधान करने से दोनों धामों में विभिन्न व्यवस्थाओं के संचालन में सुविधा होगी।
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इससे पूर्व दिन में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से संचालन के लिए होटल व्यवसायियों, तीर्थ पुरोहित समाज व टूर आपरेटर के साथ बैठक की.
उन्होंने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा के लिए बिजली, पानी की व्यवस्था और ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया को सुचारू और परेशानी मुक्त बनाया जाए। (एएनआई)