अपनी पेंशन के लिए महीनों से तहसील और डीएम दफ्तरों के चक्कर काट रहे उत्तराखंड के राज्य आंदोलनकारियों को आखिरकार दस महीने के अंतराल के बाद उनका बकाया भुगतान मिल गया है। यह संकल्प 23 जुलाई, 2024 को अमर उजाला में प्रकाशित एक रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें उनकी दुर्दशा को उजागर किया गया था।
अक्टूबर 2023 से शुरू हुई पेंशन रोके जाने से सैकड़ों राज्य आंदोलनकारी परेशान थे। विभिन्न कार्यालयों में कई बार पूछताछ करने के बावजूद उन्हें असंतोषजनक जवाब मिले। सरकार ने खुलासा किया कि 243 आंदोलनकारियों की पेंशन रोक दी गई थी, क्योंकि उन्हें दोगुना भुगतान मिल रहा था।
- Advertisement -
शांति विहार कौलागढ़ के सक्रिय आंदोलनकारी किशन सिंह मेहता भी प्रभावित लोगों में शामिल हैं, जिन्हें अक्टूबर 2023 से पेंशन नहीं मिली है। हाल ही में मीडिया द्वारा इस मुद्दे पर ध्यान दिए जाने के कारण लंबित पेंशन जारी की गई, जिससे राम सिंह सहित कई लोगों को राहत मिली और उन्होंने खुशी जताई।
उत्तराखंड में 11,420 चिन्हित राज्य आंदोलनकारी हैं। इनमें से 7,176 सामान्य वर्ग के हैं, 342 वे हैं जो सात दिन तक जेल में रहे और घायल हुए, और तीन लोग बिस्तर पर पड़े हैं। पेंशन की राशि 4,500 रुपये से लेकर 20,000 रुपये मासिक तक है:
- सामान्य श्रेणी के आंदोलनकारियों को 4,500 रुपये मिलते हैं।
- जेल में बंद और घायल हुए लोगों को 6,000 रुपये मिलते हैं।
- बिस्तर पर पड़े आंदोलनकारियों को 20,000 रुपये मिलते हैं।