उत्तराखंड विधानसभा में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण विधेयक पेश किया गया

संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने सदन में उत्तराखंड लोक सेवा (महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 प्रस्तुत किया।

इसमें महिलाओं को सीधी भर्ती के लिए व्यवस्था की गई है जो 24 जुलाई 2006 तक 20 प्रतिशत और इस अवधि के बाद 30 प्रतिशत आरक्षण देने की  है।

ऐसा कर सरकार ने प्रदेश में राज्य गठन के बाद क्षैतिज आरक्षण के आधार पर हुई महिला कार्मिकों की नियुक्तियों को सुरक्षित रखने की दिशा में भी कदम बढ़ाया है।

18 जुलाई 2001 को अंतरिम सरकार ने महिलाओं को सरकारी सेवाओं में 20 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी शासनादेश किया जारी।

24 जुलाई 2006 को तत्कालीन सरकार ने आरक्षण की सीमा 20 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का शासनादेश किया जारी।

26 अगस्त 2022 को हाईकोर्ट ने आरक्षण संबंधी शासनादेश पर लगाई रोक।

 चार नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक।

29 नवंबर 2022 को सरकार ने सदन में पेश किया विधेयक।