काफल (Kafal) विटामिन सी, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन, पोटेशियम और जिंक जैसे विटामिन और खनिजों का एक उत्कृष्ट स्रोत है।
यह एंटीऑक्सीडेंट से भी भरपूर है
इसे ताजा या सुखाकर खाया जा सकता है। इसका उपयोग जैम, जेली, चटनी, अचार और प्रिजर्व बनाने के लिए भी किया जा सकता है।
काफल के पौधे की पत्तियों का उपयोग औषधीय रूप में भी किया जा सकता है।
काफल के पेड़ उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और नेपाल के पहाड़ी इलाकों में पाए जाते हैं।
– काफल के पेड़ को “बॉक्सथॉर्न” या “बेबेरी” के नाम से भी जाना जाता है।
– काफल के पेड़ की पत्तियों का उपयोग चाय बनाने के लिए किया जाता है जिसमें औषधीय गुण होते हैं। यह चाय पेट दर्द, दस्त और पेचिश के इलाज के लिए अच्छी मानी जाती है।
– “काफ़ल” नाम अरबी शब्द “काफ़ल” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “बॉक्स”। ऐसा इसलिए है क्योंकि फल गुच्छों में उगते हैं जो बक्सों के समान होते हैं।